समकालीन विश्व में अमरीकी वर्चस्व (US Hegemony in World Politics) | Class 12| Chapter 3| Political Science

समकालीन विश्व में अमरीकी वर्चस्व


समकालीन विश्व में अमरीकी वर्चस्व: इस पाठ में आप अमरीकी प्रभुत्व का स्वभाव, विस्तार व सीमाओ का विस्तृत अध्ययन करेंगे। संयुक्त राज्य अमेरिका शीतयुद्ध के पश्चात विश्व स्तर पर महाशक्ति के रूप में उभरकर सामने आया। साथ ही उसके समक्ष टीके रहने वाले सभी प्रतिद्वंदी उससे काफी पिछड़ चुके थे। 

समकालीन विश्व में अमरीकी वर्चस्व एक अंक स्तरीय प्रश्न उत्तर 


Q.1. सोवियत संघ के विघटन के बाद विश्व का एक मात्र महाशक्ति कौन बना?
Ans: संयुक्त राज्य अमरीका 

Q.2. इराक ने कुवैत पर हमला कब किया?
Ans: 1990

Q.3. कुवैत कि स्वतंत्रता हेतु शक्ति प्रयोग की अनुमति किसने दी?
Ans: संयुक्त राष्ट्र संघ ने 

Q.4. 'ऑपरेशन डेसर्ट स्टार्म' के समय इराक के राष्ट्रपति कौन थे?
Ans: सद्दाम हुसैन 

Q.5. प्रथम खाड़ी युद्ध को और किन नामों से जाना जाता है? 
Ans: कंप्युटर युद्ध और वीडियो गेम वार। 

Q.6. 'ऑपरेशन एन्ड़्यूरिंग फ्रीडम' का मुख्य उद्देश्य क्या था?
Ans: आतंकवाद के विरुद्ध विश्वव्यापी युद्ध 

Q.7. अमरीका ने इराक पर कब आक्रमण किया? 
Ans: 19 मार्च 2003 

Q.8. 'इंटरनेट' किस देश कि देन है? 
Ans: अमरीका की। 

Q.9. 'अमरीका के वर्ल्ड ट्रैड सेंटर' पर कब हमला किया गया था? 
Ans: 11 सितंबर 2001 

Q.10.  प्रथम खड़ी युद्ध कब हुआ? 
Ans: 1991 

Q.11. पेंटागन क्या था? 
Ans: अमरीकी रक्षा विभाग का मुख्यालय 

Q.12. अमरीका ने 2003 में किस देश पर आक्रमण किया था?
Ans: इराक 

Q.13. NATO में अमरीकी नेतृत्व का विरोध किसने किया किया?
Ans: फ्रांस 

Q.14. विश्व में अमरीकी वर्चस्व कब से मानी जाती है?
Ans: 1991

Q.15. 9/11 के जवाब में अमरीका ने कौन सा ऑपरेशन चलाया था?
Ans: ऑपरेशन एन्ड़्यूरिंग फ्रीडम

समकालीन विश्व में अमरीकी वर्चस्व महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर 


Q.1. एक ध्रुवीय विश्व से क्या अभिप्राय है?
Ans: 1991 में सोवियत संघ के विघटन के साथ ही शीतयुद्ध की समाप्ति हुई थी तथा संयुक्त राज्य अमरीका विश्व का एक मात्र महाशक्ति बन कर उभरा था। शीतयुद्ध के बाद स्थापित हुई अमरीकी वर्चस्व के दौर को ही एक ध्रुवीय विश्व कहा जाता है। शीतयुद्ध के काल के अमरीका के सभी प्रतिद्वंदी इस दौर में उससे पिछड़ चुके थे। 
 
Q.2. 'ऑपरेशन डेसर्ट स्टार्म' क्या है?
Ans: 1991 में कुवैत को इराक के चंगुल से छुड़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा एक सैन्य अभियान चलाया गया था जिसे 'ऑपरेशन डेसर्ट स्टार्म' की संज्ञा दी गई थी। इसे प्रथम खड़ी युद्ध के नाम से भी जाना जाता है। इस युद्ध में इराक की पराजय हुई थी। 1990 में इराक ने कुवैत पर कब्जा कर लिया था। जब इराक को समझाने की सभी राजनायिक प्रक्रियाएं नाकाम साबित हुई तब संयुक्त राष्ट्र संघ ने कुवैत की स्वतंत्रता हेतु शक्ति प्रयोग की अनुमति दी गई। संयुक्त राष्ट्र संघ से अनुमति मिलने के बाद इराक के खिलाफ कुवैत की मुक्ति हेतु एक सैन्य अभियान चलाया गया था, इस अभियान में 34 देशों की सैना मिली हुई थी जिसमे 75% भाग अमरीकी सैनिकों का था। इस युद्ध में अमरीका ने 'स्मार्ट बमों' का प्रयोग किया था। 
हालांकि इराकी राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन का दावा था कि यह 'सौ जंगों की एक जंग होगी' परंतु इराकी सैना ने जल्द ही हथियार डाल दिए और इराक को कुवैत से हटना पड़ा। इस युद्ध को 'कंप्युटर युद्ध' या 'वीडियो गेम वार भी कहा जाता है। 

Q.3. ऑपरेशन एनड्यूरिंग फ्रीडम क्या है? 
Ans: 'ऑपरेशन 
एनड्यूरिंग फ्रीडम' अमरीका में हुए 9/11 के हमले के जवाब में चलाया गया था। इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य 'आतंकवाद के विरुद्ध विश्वव्यापी युद्ध था। 11 सितंबर 2001 में अरब देश के 19 अपहरणकर्ताओ ने अमरीका के 4 व्यावसायिक विमानों को उड़ान भरने के कुछ समय बाद ही अपने कब्जे में ले लिया तथा उसे अमरीका के महत्वपूर्ण इमारतों की और ले गए। इनमे से 2 विमानों को अमरीका के न्यूयॉर्क स्थित वर्ल्ड ट्रैड सेंटर के उत्तरी व दक्षिणी टावर से टकराए गए तथा तीसरा विमान वर्जीनिया स्थित अमरीकी रक्षा विभाग 'पेंटागन' से टकराया गया एवं चौथे विमान का लक्ष्य अमरीकी काँग्रेस की मुख्य इमारत को बर्बाद करना था परंतु वह पेन्सिलवेनिया के खेतों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। 
 'ऑपरेशन एनड्यूरिंग फ्रीडम' अभियान के 9/11 के संदिग्ध सभी क्षेत्रों के खिलाफ चलाया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य अलकायदा तथा तालिबानी शासन को निर्धारित किया गया था। 

Q.4. 'ऑपरेशन इराकी फ्रीडम' क्या है?
Ans: 19 मार्च 2003 को अमरीका ने इराक पर सैन्य आक्रमण किया था इसे ही ऑपरेशन इराकी फ्रीडम के नाम से जाना जाता है। इस अभियान में अमरीका के नेतृत्व में संचालित किए जा रहे 'कॉलिशन ऑव विलिंगस' ने 40 देशों को शामिल किया गया था। आक्रमण के लिए अमरीका ने संयुक्त राष्ट्र संघ से अनुमति नहीं ली थी। अमरीका ने इराक पर आक्रमण करने के उद्देश्य में यह दलील दी थी कि इराक सामूहिक संहार के आयुधों को निर्मित कर रहा था जिसे रोकने के लिए उसने इराक पर आक्रमण किया परंतु इराक पर इस प्रकार के आयुधों का कोई प्रमाण नहीं मिला। संभवत अमरीका के इराक पर आक्रमण करने का मूल उद्देश्य इराकी तेल भंडार पर नियंत्रण करना व इराक में अमरीका के अनुरूप चलने वाली सरकार को सत्तासीन करना आदि था। इस अभियान में अमरीका को अपनी तकरीबन 3000 सैनिकों को खोना पड़ा थातथा इराकी सैना को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा था। 

Q.5. वर्चस्व को परिभाषित करे। 
Ans: अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था में सम्पूर्ण शक्ति का एक ही केंद्र होने की अवस्था को वर्चस्व (Hegemony) कहते है। 1991 में सोवियत संघ के विघटन के  बाद सम्पूर्ण विश्व में संयुक्त राज्य अमरीका का वर्चस्व स्थापित हो गया था जो अभी तक कायम है। दूसरे शब्दों में वर्चस्व को परिभाषित करते हुए कहा जा सकता है कि जब कोई देश विश्व के अन्य देशों को अपनी आर्थिक, राजनीतिक, सैन्य तथा सांस्कृतिक ताकत से प्रभावित करता है तो उसे वर्चस्व कहते है। 

Q.6. अमरीकी शक्ति के रास्ते में क्या अवरोध है?
Ans: अमरीकी शक्ति के रास्ते को अवरुद्ध करने में तीन कारकों की मुख्य भूमिका है ये तीन कारक निम्नलिखित है: 
  1. अमरीका का संस्थागत संरचना: अमरीका में शासन के तीन अंगों के मध्य शक्ति का बंटवारा है। कार्यपालिका अमरीकी सैन्य शक्ति पर अंकुश लगाने का काम करती है। 
  2. उन्मुक्त प्रकृति: अमरीकी शक्ति में अवरोध उत्पन्न करने वाला तीसरा कारण अमरीका की अनमुक्त प्रकृति है। 
  3. NATO: इसका अमरीका के वर्चस्व में अवरोध उत्पन्न करने में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। NATO में सम्मिलित अमरीका के मित्र देश उसके वर्चस्व पर सम्पूर्ण नियंत्रण रख सकते है। 




 

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