पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन: Paryawaran Aur Prakritik Sansadhan (Environment and Natural Resources)

 

पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन

पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन: इस आर्टिकल में आप कक्षा 12 की राजनीतिक विज्ञान की अध्याय 8 के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर पढ़ेंगे। ये सभी प्रश्न उत्तर 12 वीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। 

पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन एक अंक स्तरीय प्रश्न उत्तर 

Q.1. पर्यावरण के महत्व पर कब से जोर दिया जाने लगा?
Ans: 1960 के दशक से। 

Q.2. पर्यावरण से संबंधित पुस्तक "लिमिट्स टू ग्रोथ" किसने लिखी? 
Ans: क्लब ऑफ रोम ने। 

Q.3. पर्यावरण से संबंधित पुस्तक "लिमिट्स टू ग्रोथ" कब लिखी गई?
Ans: 1972

Q.4. प्रथम पृथ्वी सम्मेलन कहां आयोजित हुआ था?
Ans: ब्राजील 

Q.5. प्रथम पृथ्वी सम्मेलन कबआयोजित हुआ था?
Ans: 1992

Q.6. पृथ्वी सम्मेलन का संबंध किससे है?
Ans: रियो सम्मेलन से 

Q.7. वैश्विक संपदा क्या है?
Ans: मानव की साझी संपदा 

Q.8. क्योटो प्रोटोकॉल किससे संबंधित है?
Ans: ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन से। 

Q.9. नर्मदा आंदोलन किससे संबंधित है?
Ans: बाँध 

Q.10. भारत ने क्योटो प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर कब किया?
Ans: 2002 में। 

Q.11. UNFCCC का विस्तारित रूप क्या है?
Ans: United Nations Framework on Climate Change 

Q.12. क्योटो कहाँ है?
Ans: जापान में। 

पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन लघु उत्तरीय प्रश्न तथा उत्तर 

Q.1. वैश्विक संपदा किसे कहते है?
Ans: विश्व के कुछ भाग और क्षेत्र सभी देश के संप्रभु क्षेत्राधिकार से बाहर माने जाते है इसलिए उनका प्रबंधन साझे तौर पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा किया जाता है। ऐसे भागों या क्षेत्रों को वैश्विक संपदा या वैश्विक साझी संपदा कहा जाता है। उदाहरण के लिए- पृथ्वी का वायुमंडल, अंटार्कटिका, समुद्री सतह तथा बाहरी अंतरिक्ष आदि विश्व की साझी संपदा है। 
सरल शब्दों में कहे तो वैश्विक संपदा से हमारा अभिप्राय विश्व की साझी संपदा से है। 

Q.2. साझी संपदा से क्या अभिप्राय है? 
Ans: साझी संपदा का अर्थ होता हो ऐसी संपदा  जिसपर किसी समूह के सभी सदस्यों का स्वामित्व हो। इसके पीछे का मूल तर्क यह है कि ऐसे संसाधन की प्रकृति, उपयोग के स्तर और रख- रखाव के संदर्भ में समूह के हर सदस्य को समान अधिकार प्राप्त होंगे और समान उत्तरदायित्व निभाने होंगे। 

Q.3. क्योटो प्रोटोकॉल क्या है?
Ans: यह एक अंतर्राष्ट्रीय समझौता है, जो ग्लोबल वार्मिंग द्वारा हो रहे जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए बनाई गई थी। 1997 में क्योटो प्रोटोकॉल पर भारत सहित अन्य कई राष्ट्रों ने हस्ताक्षर किए थे। इसमे वैश्विक तापवृद्धि पर काबू रखने के लिए ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन को काम करने के संबंध में दिशा निर्देश दिए गए है। 

Q.4. बायोडीजल क्या है?
Ans: बायोडीजल एक प्रकार का जीवाश्म डीजल है। भारत में पर्यावरण सुरक्षा के संदर्भ में बहुत से ठोस कदम उठाए गए है जिसमे ईंधन से संबंधित प्रदूषण को रोकने के लिए बायोडीजल का उत्पादन करने की व्यवस्था की गई है। भारत ने बायोडीजल से संबंधित एक राष्ट्रीय मिशन भी चलाया है जिसमे वर्ष 2011-12 से बायोडीजल तैयार किया जा रहा है। बायोडीजल के उत्पादन से पर्यावरण पर बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है। 

Q.5. मूलवासी किसे कहते है?
Ans: किसी देश के मूलवासी वे लोग होते है जो उस देश में एक लंबे समय से निवास कर रहे है। मूलवासी आज भी उस देश की संस्थाओ के अनुरूप आचरण करने के ज्यादा अपनी परंपरा, संस्कृति, रिवाज तथा अपने खास सामाजिक, आर्थिक ढर्रे पर जीवनयापन करना पसंद करते है। 

पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन दीर्घ उत्तरीय प्रश्न तथा उत्तर 

Q.1. पर्यावरण के संरक्षण के लिए आप क्या सुझाव देते है? 
Ans: पर्यावरण के संरक्षण के लिए सुझाव : 
  1. गांधीजी के विचार: गांधी जी के कुछ विचार ऐसे है जो पर्यावरण के संरक्षण में उपयोगी सिद्द होते है। उहोने बड़े बड़े औद्योगों का विरोध किया था और छोटे छोटे औद्योगों को प्रोत्साहन दिया था। छोटे छोटे उद्योगों से प्रदूषण की वे समस्याएं उत्पन्न नहीं होती जो बड़े बड़े औद्योगों से होती है। 
  2. जनसंख्या पर नियंत्रण: पर्यावरण तथा विकास आदि का संबंध जनसंख्या से भी होता है। दिन- प्रतिदिन बढ़ती हुई जनसंख्या भी पर्यावरण प्रदूषन का एक कारण है। यदि जनसंख्या पर नियंत्रण पा लिया जाए तो प्राकृतिक संसाधनों की खपत कम होगी। 
  3. आवश्यकताओ में कमी करना: भौतिकवादी दृष्टिकोण के बजाय आध्यात्मिक दृष्टिकोण को अपनाने तथा कृत्रिम इच्छाओ और ऐश्वर्यपूर्ण जीवन का त्याग करने से भी पर्यावरण का संरक्षण किया जा सकता है। 
  4. वन संरक्षण: पर्यावरण के संरक्षण के लिए आवशयक है कि अधिक से अधिक वनों का संरक्षण किया जाए। पेड़ों को कटने से बचाया जाए तथा ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण किया जाए। 
  5. प्रदूषण रहित तकनीक पर औद्योगिकीकरण: पर्यावरण संरक्षण के लिए विकास कार्यों या औद्योगीकरण को पूर्ण रूप से रोकने की जरूरत नहीं है बल्कि उद्योगों के संचालन में प्रदूषण रहित तकनीकों का प्रयोग करके भी पर्यावरण को संरक्षित किया जा सकता है। 

Q.2. पर्यावरण के मसले पर भारतीय पक्ष की विवेचना कीजिए। 
Ans: भारत ने पर्यावरण के संरक्षण के क्षेत्र में निम्नलिखित भूमिका निभाई है:
  • भारत ने वर्ष 2003 में क्योटो समझौता पर हस्ताक्षर किए और पर्यावरण की रक्षा हेतु अपना सहयोग देने तथा दायित्व निभाने की कोशिश की। 
  • भारत ने अपनी राष्ट्रीय ऑटो-फ्यूल नीति में वाहनों के लिए स्वच्छ ईंधन अनिवार्य कर दिया है। कई नगरों में स्वच्छ ईंधन से चलने वाले वाहन ही चलाए जा सकते है। वाहनों के लिए प्रदूषण नियंत्रण पत्र रखना अनिवार्य कर दिया गया है। 
  • वर्ष 2001 में ऊर्जा- संरक्षण कानून बनाया गया और ऊर्जा के सही प्रयोग तथा प्रदूषण की रोकथाम के नियम बनाए गए। 
  • भारत ने वर्ष 2003 के बिजली कानून के अंतर्गत पुनर्नविकृत ऊर्जा (Renewable Energy) के प्रयोग को प्रोत्साहित करने के कदम उठाए है। 
  • संसार के Renewable Energy के सबसे बड़े कार्यक्रम में एक भारत में चल रहा है जो इस बात का साक्षी है कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति भारत गंभीर है और ठोस कदम उठा रहा है। 
  • भारत ने सार्क सम्मेलनों में इस मुद्दे को उठाया है और संगठन के सभी सदस्य देशों से इस संबंध में आपसी सहयोग करने और एक सामान्य नीति निश्चित करने पर जोर दिया है। 
  • भारत के सभी राज्यों में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड स्थापित किए गए है जो सभी औद्योगिक गतिविधियों पर निगाह राखंते है ताकि कोई उद्योग प्रदूषण न फैलाए। 
  • सभी नए उद्यपगों की स्थापना से पहले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्रमाण पत्र लेना आवश्यक है जो यह प्रमाणित करता है कि उद्योग पर्यावरण के प्रदूषण के कारक नहीं बनेंगे। 

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