आरंभिक मानव की खोज में: इस आर्टिकल में आप जानेंगे की 20 लाख वर्ष पहले के आरंभिक मानव इधर- उधर क्यों घूमते रहते थे? हमें उनके बारे में जानकारी कैसे मिलती है? वे लोग कहाँ रहते थे? आदि।
विषय सूची:
- आरंभिक मानव: आखिर वे इधर- उधर क्यों घूमते थे?
- आरंभिक मानव के बारे में जानकारी कैसे मिलती है?
- रहने की जगह निर्धारित करना
- पाषाण औजारों का निर्माण
- आग की खोज
- बदलती जलवायु
- शैल चित्रकला: इनसे हमें क्या पता चलता है?
- कौन क्या करता था?
- हूँस्गी का सूक्ष्म- निरीक्षण
- NCERT अभ्यास प्रश्न तथा उत्तर
🔰आरंभिक मानव: आखिर वे इधर- उधर क्यों घूमते थे?
- आरंभिक मानव इधर- उधर घूमते थे क्योंकि यदि वे एक ही जगह पर रहते तो वे आस पास के पौधे- फलों और जानवरों को कहकर समाप्त कर देते।
- जानवर अपने शिकार के लिए या हिरण तथा मवेशी अपने लिए चारा ढूँढने के लिए एक जगह से दूसरी जगह जाते थे जिस कारणं आरंभिक मानव को भी इन जानवरों के पीछे जाना पड़ता था।
- अलग अलग मौसम में पेड़ पौधों में फल- फूल आते है जिस कारण लोग उनकी तलाश में उपयुक्त मौसम के अनुसार अन्य इलाकों में घूमते होंगे।
- सूखे के समय में पानी की तलाश में भी आरमहिक मानव इधर उधर घूमते होंगे।
🔰आरंभिक मानव के बारे में जानकारी कैसे मिलती है?
- पुरतावविदों ने शिकारी- संग्रहकर्ताओ द्वारा बनाई तथा उपयोग की जाने वाली कुछ चीजे पाई है। उन्होंने पत्थर लकड़ी और हड्डी के औजार बनाए और उनका इस्तेमाल किया जिनमे से पत्थर के औजार सबसे अच्छे रूप में बचे है।
- पत्थरों का उपयोग फलों, जड़ों, मांस और हड्डी काटने, पेड़ों से छाल तथा जानवरों की खाल निकालने के लिए की जाती थी।
🔰रहने की जगह निर्धारित करना
- आरंभिक मानव नदियों और झीलों जैसे पानी के स्रोत के पास रहते थे।
- लोगों ने इसे जगहों पर रहने की कोशिश की जहाँ अच्छी गुणवत्ता का पत्थर उपलब्ध हो क्योंकि यह शिकार के लिए महत्वपूर्ण था।
🔰पाषाण औजारों का निर्माण
पत्थर के औजार बनाने के दो तरीके थे:-
- पत्थर से पत्थर टकराना: इस विधि में, जिस पत्थर से कोई औजार बनाना होता था, उसे एक हाथ में लिया जाता था, और दूसरे हाथ से एक पत्थर का हथौड़ा जैसा इस्तेमाल किया जाता था। इस तरह आघात करने वाले पत्थर से दूसरे पत्थर पर तब तक शल्क निकाले जाते थे जबतक वांछित आकार का उपकरण न बन जाए।
- दबाव शल्क तकनीक: इसमे क्रोड को एक स्थिर सतह पर टिकाया जाता था और इस क्रोड पर हड्डी या पत्थर रखकर उस पर हथौड़ीनुमा पत्थर से शल्क निकले जाते थे जिससे वांछित उपकरण बनाया जाता था।
🔰आग की खोज
- कुरनूल से राख के अवशेष मिले।
- राख के निशान बताते है कि उस समय के लोग आग से परिचित थे। इसे निम्न चीजों के लिए इस्तेमाल किया जाता था: प्रकाश के स्रोत के रूप में, मांस पकाने के रूप में, खतरनाक जानवरों को डराने के लिए।
🔰बदलती जलवायु
- लगभग 12,000 साल पहले दुनिया की जलवायु में परिवर्तन आया और गर्मी बढ़ने लगी जिससे कई क्षेत्रों में घास के मैदानों का विकास हुआ। इससे घास पर जीवित रहने वाले जानवर जैसे- हिरण, बारहसिंघा, भेड़, बकरी, तथा गाय आदि की संख्या में भी वृद्धि हुई। लोगों ने इन जानवरों को पालन शुरू किया।
- उसी दौरान उपमहाद्वीप के भिन्न- भिन्न इलाकों में गेंहू, जौ, धान जैसे अनाज प्राकृतिक रूप से उगने लगे थे।
- महिलाओ, पुरुषों और बच्चों ने इन अनाजों को बटोरना शुरू किया और यह भी सिख लिया कि अनाज कहाँ उगते थे और कब पक कर तैयार होते थे। तत्पश्चात खुद अनाज उगाना सिखा होगा।
- इसी दौरान मछली भी अनाज का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन गया।
🔰शैल चित्रकला: इनसे हमें क्या पता चलता है?
- आरंभिक मानवों द्वारा गुफाओ की दीवारों पर बनाए गए चित्रों को शैल चित्र कहा जाता है।
🔰कौन क्या करता था?
- आरंभिक मानव शिकार, फल- फूल संग्रह, पत्थर के औजार तथा गुफाओ में चित्र आदि बनाने का काम किया करते थे।
- हमें इसकी जानकारी नहीं है कि क्या सिर्फ पुरुष ही शिकार किया करते थे या महिलायें भी करती थी।
🔰हूँस्गी का सूक्ष्म- निरीक्षण 
- हूँस्गी से पुरपाषाण युग के कई सारे स्थल मिले है।
- कुछ पुरस्थलों से अलग-अलग कार्यों में लाए जाने वाले औजार मिले है।
- ये संभवतः आवास और उद्योग स्थल रहे होंगे।
- कुछ पुरास्थल झरनों के निकट स्थित थे।
- अधिकांश औजार चुना- पत्थर से बने थे।
🔰एनसीईआरटी अभ्यास प्रश्न तथा उत्तर
1. इन वाक्यों को पूरा करो:- 
(क) आखेटक खाद्य-संग्राहक गुफाओ में इसलिए रहते थे क्योंकि इससे उन्हे ठंड के मौसम में राहत मिलती होगी। 
(ख) घास वाले मैदानों का विकास 12,000 साल पहले हुआ था। 
(ग) आरंभिक लोगों ने गुफाओ की दीवारों पर चित्र बनाए। 
(घ) हूँस्गी में चुने के पत्थर से औजार बनाए जाते थे। 
2. उपमहाद्वीप के आधुनिक राजनीतिक मानचित्र को पृष्ठ 136 पर देखें। उन राज्यों को ढूंढो जहाँ भीमबेटका, हूँस्गी और कुरनूल स्थित है। क्या तुषार की रेल इन जगहों से होकर गई होगी?
उत्तर- हाँ 
3. आखेटक- खाद्य संग्राहक एक स्थान से दूसरे स्थान क्यों घूमते रहते थे? उनकी यात्रा और आज की हमारी यात्रा के कारणों में क्या समानताएं या विभिन्नताएं है? 
उत्तर- आखेटक खाद्य संग्राहक के स्थान से दूसरे स्थान घूमने के कारण:- 
- यदि वे एक ही जगह पर रहते तो वे आस पास के पौधे- फलों और जानवरों को कहकर समाप्त कर देते।
- जानवर अपने शिकार के लिए या हिरण तथा मवेशी अपने लिए चारा ढूँढने के लिए एक जगह से दूसरी जगह जाते थे जिस कारणं आरंभिक मानव को भी इन जानवरों के पीछे जाना पड़ता था।
- अलग अलग मौसम में पेड़ पौधों में फल- फूल आते है जिस कारण लोग उनकी तलाश में उपयुक्त मौसम के अनुसार अन्य इलाकों में घूमते होंगे।
- सूखे के समय में पानी की तलाश में भी आरमहिक मानव इधर उधर घूमते होंगे।
आज की हमारी यात्रा के कारण:-
- अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए
- व्यापार के लिए
- भ्रमण
- संबंधियों से मिलने के लिए
4. आज तुम फल काटने के लिए कोन- से औजार चुनोगे? वह औजार किस चीज से बना होगा। 
उत्तर- आज के समय में, मैं फल काटने के लिए चाकू का इस्तेमाल करूंगी। चाकू स्टील या लौहे का बना होता है जिसे पकड़ने के लिए प्लास्टिक या लकड़ी का हैंडल बना होता है। 
5. आखेटक- खाद्य संग्राहक आग का उपयोग किन- किन चीजों के लिए करते थे? क्या तुम आज आग का उपयोग इनमे से किसी चीज के लिए करोगे? 
उत्तर- आखेटक खाद्य संग्राहक द्वारा आग का प्रयोग:-
- प्रकाश के लिए
- मांस पकाने के लिए
- खतरनाक जानवरों को दूर भगाने के लिए
आज के समय में आग का प्रयोग:-
- खाना पकाने के लिए
- ठंड के समय में गर्मी प्राप्त करने के लिए
- उद्योगों में उत्पादन कार्य में
- खतरनाक जानवरों को दूर भगाने के लिए
- शवदाह के लिए
6. अपनी पुस्तिका के पन्ने पर एक लाइन खींचकर इसके दो खाने बनाओ। बाएं खाने में, खाद्य पदार्थों की सूची बनाओ जिन्हे आखेटक खाद्य संग्राहक कहते थे और दायें खाने में तुम जो चीजें खातें हो उनमे से कुछ के नाम लिखें। दोनों में कोई समानता या भेद दिखाई देता है?
उत्तर- शिकारी खाद्य संग्राहक द्वारा खाए जाने वाले पदार्थ:-
- जंगलों से प्राप्त उत्पाद जैसे- फल-मूल, पौधे- पत्तियां
- दूध
- मांस
- मछली
- अंडे
आज के खाद्य पदार्थ:-
- दाल
- चावल
- रोटी
- फल
- दूध
- सब्जियां
- मांस आदि।
7. यदि तुम्हारे पास कोई गुटिका (प्राकृतिक पत्थर का टुकड़ा) हो तो उसे किस काम के लिए प्रयोग करोगे?
उतर- खेलने के लिए, जानवरों को डराने के लिए, बादाम व अखरोट के छिलके निकालने के लिए। 
8. ऐसे दो काम लिखो जिन्हे आज महिलायें और पुरुष दोनों करते है। दो ऐसे काम बताओ जिन्हे सिर्फ महिलायें ही करती है और दो वे जिन्हे सिर्फ पुरुष ही करते है। अपनी सूची की अपने दो साथियों की सूचियों से तुलना करो। क्या तुम्हें इनमे कोई समानता या भेड़ दिखाई दे रहा है? 
उत्तर- पुरुष और महिलाओं दोनों द्वारा किए जाने वाले कार्य:-
- वाहन चलाना
- ऑफिस के काम
केवल महिलाओ द्वारा किए जाने वाले कार्य:-
- Air Hostess का काम करना
- बच्चों की देखभाल करना
केवल पुरुषों द्वारा किए जाने वाले कार्य:-
- सीमा सुरक्षा
- फायर ब्रिगेड का काम
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