क्या, कहाँ, कैसे और कब? History Class 6 Chapter 1 NCERT Notes In Hindi

क्या, कहाँ, कैसे और कब: कल क्या हुआ था यह जानने के लिए हम अखबार पढ़ सकते है या फिर टेलीविजन देख सकते है। पिछले साल क्या हुआ था यह जानने के लिए हम किसी इसे व्यक्ति से पूछ सकते है जिसे पिछले वर्ष की घटना याद हो परंतु सौ या हजार,ल् लाखों वर्षों पहले क्या हुआ था यह हम कैसे जान सकते है? पहले के लोग कहाँ रहते थे? कैसे कपड़े पहनते थे? क्या आजीविका था उनका? हमारे देश का नाम भारत कैसे पड़ा आदि चीजे आप इस आर्टिकल में जानेंगे। 
history notes class 6


 विषय सूची:

  • अतीत के बारे में हम क्या जान सकते है?
  • लोग कहाँ रहते थे?
  • देश के नाम
  • अतीत के बारे में कैसे जाने?
  • अतीत एक या अनेक?
  • तिथियों का मतलब 
  • अभ्यास के प्रश्न तथा उत्तर 
  • पाठगत प्रश्न तथा उत्तर 

🔰अतीत के बारे में हम क्या जान सकते है?

  • अतीत के बारे में यह पता किया जा सकता है कि लोग क्या खाते थे, कैसे कपड़े पहनते थे, किस तरह के घर में रहते थे, आदि। 
  • शिकारी, चरवाहे, किसानों, शासकों, व्यापारियों, पुजारियों, शिल्पकारों, कलाकारों, संगीतकारों, और वैज्ञानिकों का जीवन कैसा था?
  • बच्चे कौन कौन से खेल खेलते थे, कौन-सी कहानियाँ सुनते थे, कैसे गीत गाते थे? आदी। 

🔰लोग कहाँ रहते थे?

  •  नर्मदा नदी: कई लाख वर्ष पहले से लोग नर्मदा नदी के तट पर रह रहे है। ये लोग संग्राहक ( ये लोग अपने भोजन के लिए जंगलों से जड़ों, फलों तथा जंगल के अन्य उत्पाद संग्रह करते थे) तथा जानवरों का शिकार भी करते थे। 

  • सुलेमान और किरथर पहाड़ियाँ: लगभग 8000 साल पहले इन क्षेत्रों में लोगों ने सबसे पहले गेंहू तथा जौ जैसी फसलों को उपजाना आरभ किया। भेड़ बकरी, गाय बैल जैसे फसलों को पालतू बनाना शुरू किया। ये लोग गाँव में रहते थे। 

  • गारो (उत्तर भारत) तथा विंध्य (मध्य भारत) पहाड़ियाँ: इन क्षेत्रों में सबसे पहले कृषि का विकास हुआ था। सबसे पहले विंध्य के उत्तर में चावल उपजाया गया। 

  • सिंधु और इसकी सहायक नदी: 4700 साल पहले इन्ही नदियों के तट पर कुछ आरंभिक शहर फले फूलें।

  • गंगा और उसकी सहायक नदियां: लगभग 2500 वर्ष पहले गंगा और उसकी सहायक नदियों के किनारे तटवर्ती इलाकों में नगरों का विकास हुआ। गंगा के दक्षिण मे इसके आस पास का शहर 'मगध' के नाम से जाना जाता था। 
Indian map

🔰देश के नाम: 

  • इंडिया: इंडिया शब्द इंडस से निकला है जिसे संस्कृत में सिंधु कहा जाता है। लगभग 2500 वर्ष पूर्व उत्तर पश्चिम की और से आने वाले इरानियों और यूनानियों ने सिंधु को हिंदोस अथवा इंडोस और इस नदी के पूर्व में स्थित प्रदेश को इंडिया कहा। 

  • भारत: भारत नाम का प्रयोग उत्तर पश्चिम में रहने वाले लोगों के समूह के लिए किया जाता था। इस समूह का उल्लेख संस्कृत की आरंभिक ( लगभग 3500 वर्ष पूर्व) कृति में भी मिलता है। बाद में भारत शब्द का प्रयोग देश के लिए होने लगा। 

🔰अतीत के बारे में कैसे जाने?

  • पांडुलिपि: पांडुलिपि हाथ से लिखी जाती थी। पांडुलिपियाँ हमें प्रायः ताड़पत्रों अथवा हिमालय क्षेत्र में उगने वाले भूर्ज नामक पेड़ की छाल से विशेष तरीके से तैयार भोजपत्र पर लिखी मिलती है। इतने वर्षों में बहुत सारी पांडुलिपियाँ नष्ट कर दी गई तथा कुछ को कीड़ों ने खा लिया परंतु फिर भी कुछ पांडुलिपियाँ बची हुई और जिन्हे मंदिरों तथा विहारों में रखा गया है। 
    इन पाण्डुलिपियो अथवा पुस्तकों धार्मिक मान्यताओ तथा व्यवहारों, राजाओ के जीवन, औषधियों तथा विज्ञान आदि सभी प्रकार के विषयों की चर्चा मिलती है। इसके अतिरिक्त महाकाव्य, कविताएं तथा नाटक भी है। ये सारी पुस्तकों में से कुछ संस्कृत भाषा में लिखे है तथा कुछ तमिल में। 

  • अभिलेख: अभिलेख इसे लेख को कहते है जो पत्थर अथवा धातु जैसी अपेक्षाकृत कठोर सतहों पर उत्कीर्ण किए मिलते है। शासक अपने उपदेशों अथवा आदेशों को उत्कीर्ण करवाते थे ताकि लोग उसे ताकि लोग उसे देख सके, पढ़ सके और आदेशों का पालन कर सकें। 
    कुछ अन्य प्रकार के अभिलेख भी मिलते है जिनमे राजाओ तथा रानियों सहित अन्य स्त्री- पुरुषों ने भी अपने कार्यों के विवरण उत्कीर्ण करवाए है। 

  • पुरातत्व: अतीत के बारे में जानने का एक तरीका पुरातत्व का अध्ययन करना भी है। पुरातत्व के अध्ययनकर्ता को पुरातत्वविद कहा जाता है। पुरातत्वविद पत्थर अथवा ईंटों से बनी इमारतों के अवशेषों, चित्रों, तथा मूर्तियों का अध्ययन करते है। वे औजारों, हथियारों, बर्तनों आभूषणों तथा सिक्कों की प्राप्ति के लिए छानबीन तथा खुदाई भी करते है। पुरातत्वविद जानवरों, चिड़ियों तथा मछलियों की हड्डियाँ भी ढूंढते है। इससे यह जानने में मदद मिलती है कि अतीत के लोग क्या खाते थे। यदि अन्न के दाने अथवा लकड़ी के टुकड़े जल जाते है तो वे जले हुए रूप में बचे रहते है। 

🔰अतीत एक या अनेक?

अलग अलग समूह के लोगों के लिए अतीत के अलग अलग मायने थे। जैसे कि पशुपालकों तथा कृषकों का जीवन राजाओ तथा रानियों से तथा व्यापारियों का जीवन शिल्पकारों के जीवन से बहुत भिन्न था। 

🔰तिथियों का मतलब :

ईसाई धर्म के प्रवर्तक ईसा मसीह के जन्म के बाद के सभी तारीख ईस्वी (ई.) में लिखे जाते है तथा ईसा मसीह के जन्म के पहले के सभी तारीख ईसा पूर्व (ई. पू.) में लिखें जाते है। 

🔰अभ्यास के प्रश्न तथा उत्तर

1. निनमालिखित का सुमेल करो: 

(क)नर्मदा घाटी         (a)पहला बड़ा राज्य 

(ख)मगध                  (b)आखेटक तथा संग्रहण 

(ग)गारो पहाड़ियाँ     (c)लगभग 2500 वर्ष 
                              पूर्व के नगर 

(घ)सिंधु तथा इसकी  (d)आरंभिक कृषि 
 सहायक नदियां     

(ड़)गंगा घाटी         (e)प्रथम नगर  

उत्तर- (क)- b
          (ख)- a
          (ग)- d
          (घ)- e
          (ड़)- c

2. पांडुलिपि तथा अभिलेख में एक प्रमुख अंतर बताओ। 

उत्तर-
पांडुलिपि हाथ से लिखी हुई पुस्तक को कहा जाता है जिसे प्रायः ताड़पत्रों अथवा हिमाचल क्षेत्र में उगने वाले भूर्ज नामक पेड़ की छाल से विशेष तरीके से तैयार भोजपत्र पर लिखा जाता था। जबकि अभिलेख एक ऐसे लेख को कहते है जिसे पत्थर अथवा धातु जैसी अपेक्षाकृत कठोर सतहों पर उत्कीर्ण किए जाते है। 

3. रशीदा के प्रश्न को पढ़ो। इसके क्या उत्तर हो सकते है?

उत्तर-
रशीदा का प्रश्न: कोई कैसे जान सकता है कि इतने ( सौ, हजार, लाख) वर्षों पहले क्या हुआ था? 
पुरातत्वविद पुरतत्वों जैसे की- ईंटों के अवशेषों, इमारतों के अवशेष, चित्रों, मूर्तियों, औजारों आदि के जरिए पता करते है कि अतीत में क्या हुआ था तथा उस समय कैसा समाज था।
इसके अतिरिक्त पाण्डुलिपयो, अभिलेखों तथा महाकाव्यों, नाटकों आदि से भी हमे अतीत की जानकारी मिलती है। 

4. पुरातत्वविदों द्वारा पाई जानी वाली सभी वस्तुओ की एक सूची बनाओ। इनमे कौन कौन सी वस्तुएं पत्थर की बनी हो सकती है?

उत्तर- पुरातत्वविदों द्वारा पाई जानी वाली सभी वस्तुएं: 

  • इमारतों के अवशेष 
  • चित्र मूर्तियाँ 
  • औजार 
  • हथियार 
  • बर्तन 
  • आभूषण 
  • सिक्के 
  • अन्न के जले हुए दानें 
  • जानवरों, चिड़ियों तथा मछलियों की हड्डियाँ आदि। 
पत्थर की बनी वस्तुएं: 
  • इमारतों के अवशेष 
  • औजार 
  • हथियार 
  • मूर्तिया 
5. साधारण स्त्री तथा पुरुष अपने कार्यों का विवरण क्यों नहीं रखते थे? इसके बारे में तुम क्या सोचती हो?

उत्तर-
साधारण स्त्री तथा पुरुष के अपने कार्यों का विवरण न रखने के कारण: 
  • साधारण स्त्री-पुरुष पढे-लिखे नहीं होते थे। 
  • ऐसा भी हो सकता है कि उनके पास लिखने लायक कोई घटना नहीं रही होगी। 
  • संभवतः उनके द्वारा लिखी गई चीजों को प्रोत्साहन नहीं मिलता होगा। 
6. कम से काम दो ऐसी बातों का उल्लेख करो जिनसे तुम्हारे अनुसार राजाओ और किसानों के जीवन में भिन्नता का पता चलता है। 

उत्तर- 
राजाओ और किसानों के जीवन में भिन्नता:
  • राजा लोग प्रायः अमीर होते थे और खुशहाल तथा समृद्ध जीवन जीते थे जबकि साधारण किसानों की स्थिति इसके विपरीत थी। 
  • राजा लोग अपने कार्यों का विवरण रखते थे जबकि किसान लोग नहीं रखते थे। 
7.  पृष्ठ 1 पर शिल्पकार शब्द का पता लगाओ। आज प्रचलित कम से कम पाँच भिन्न भिन्न शिल्पों की सूची बनाओ। क्या ये शिल्पकार (क) स्त्री, (ख) पुरुष, (ग) स्त्री तथा पुरुष दोनों होते थे? 

उत्तर-
पाँच शिल्प:
  1. हस्त शिल्प: स्त्री तथा पुरुष दोनों 
  2. भवन शिल्प: पुरुष 
  3. चर्म शिल्प: पुरुष 
  4. मूर्ति शिल्प: स्त्री तथा पुरुष दोनों 
  5. धातु शिल्प: पुरुष 

8. अतीत में पुस्तके किन- किन विषयों पर लिखी गई थी? तुम इनमे से किन-किन पुस्तकों को पढ़ना पसंद करोगी? 

उत्तर-
अतीत में लिखी गई पुस्तकों के विषय:
  • धार्मिक मान्यता तथा व्यवहार 
  • राजाओ के जीवन का विवरण 
  • औषधि 
  • विज्ञान 

🔰पाठगत प्रश्न तथा उत्तर  

1. आज लोग यात्राएं क्यों करते है? (NCERT Book, Page 3)

उत्तर-
आज के लोगों के यात्रा करने के कारण:

  • आजीविका की तलाश में 
  • मित्र तथा संबंधियों से मिलने के लिए 
  • व्यापार के लिए 
  • पर्यटन स्थल की सैर 
  • शिक्षा प्राप्त करने के लिए 

2. क्या तुम बता सकती हो कि कठोर सतह पर लेख लिखवाने के क्या लाभ थे? ऐसा करवाने में क्या कठिनाइयाँ थी? (NCERT Book, Page 5)

उत्तर- कठोर सतह पर लेख लिखवाने के लाभ:

  • कठोर सतह पर उत्कीर्ण किए गए अभिलेख लंबे समय तक सुरक्षित रखे जा सकते है। 
  • इन अभिलेखों में राजा अपने आदेश या उपदेश लिखाते थे जिसे प्रजा आसानी से पढ़ कर उसका पालन करती थी। 
  • आज के समय में हमे इन्ही अभिलेखों के माध्यम से अतीत की जानकारी मिलती है। 
कठिनाई:
  • अभिलेखों को कठोर सतह उत्कीर्ण करना एक कठिन कार्य था। 
  • इसे उत्कीर्ण कराने में काफी समय भी लगता था। 

3. क्या पुरातत्वविदों को बहुदा कपड़ों के अवशेष मिलते होंगे? (NCERT Book, Page 6)

उत्तर- 
नहीं, क्योंकि उस समय सूती वस्त्रों का इस्तेमाल होता था जो समय के साथ साथ नष्ट हो जाते है। 

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