वैश्वीकरण (Globalisation ): इस आर्टिकल में आप कक्षा 12 की राजनीतिक विज्ञान की अध्याय 9 के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर पढ़ेंगे। ये सभी प्रश्न उत्तर झारखंड बोर्ड के 12 वीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
Waishwikaran: वैश्वीकरण एक अंक स्तरीय प्रश्न तथा उत्तर
Q.1. WSF का विस्तारित रूप क्या है?
Ans: World Social Form
Ans: World Social Form
Q.2. सिएटल बैठक कब हुए?
Ans: 1999 में।
Ans: 1999 में।
Q.3. वैश्वीकरण का अर्थ होता है?
Ans: प्रवाह
Ans: प्रवाह
Q.4. वैशवीकरण का कल्याणकारी राज्य पर क्या असर पड़ा है?
Ans: कल्याणकारी राज्य का अस्तित्व खतरे में पड़ रहा है।
Ans: कल्याणकारी राज्य का अस्तित्व खतरे में पड़ रहा है।
Q.5. वैश्वीकरण का कारण क्या है?
Ans: प्रद्योगिकी, संचार साधन तथा पूंजी।
Ans: प्रद्योगिकी, संचार साधन तथा पूंजी।
Waishwikaran: वैश्वीकरण अति लघु उत्तरीय प्रश्न तथा उत्तर
Q.1. वैश्वीकरण क्या है?
Ans: एक अवधारणा के रूप में वैश्वीकरण का बुनियादी अर्थ प्रवाह है। प्रवाह कई प्रकार के होते है। विश्व के एक हिस्से के विचारों का दूसरे हिस्से में पहुंचना, पूंजी का एक से अधिक जगहों पर जाना, वस्तुओ को कई देशों में पहुँचाना, व्यापार तथा बेहतर आजीविका की तलाश में विश्व के विभिन्न हिस्सों में लोगों की आवाजाही प्रवाह है।
Ans: एक अवधारणा के रूप में वैश्वीकरण का बुनियादी अर्थ प्रवाह है। प्रवाह कई प्रकार के होते है। विश्व के एक हिस्से के विचारों का दूसरे हिस्से में पहुंचना, पूंजी का एक से अधिक जगहों पर जाना, वस्तुओ को कई देशों में पहुँचाना, व्यापार तथा बेहतर आजीविका की तलाश में विश्व के विभिन्न हिस्सों में लोगों की आवाजाही प्रवाह है।
Q.2. WSF क्या है?
Ans: वर्ल्ड सोशल फोरम नव उदारवादी वैश्वीकरण के विरोध के लिए एक विश्वव्यापी मंच है। इस मंच में मानवाधिकार कार्यकर्ता, पर्यावरणवादी, मजदूर, युवा और महिला कार्यकर्ता शामिल है। ये सभी नव- उदारवादी वैश्वीकरण का विरोध करते है।
Ans: वर्ल्ड सोशल फोरम नव उदारवादी वैश्वीकरण के विरोध के लिए एक विश्वव्यापी मंच है। इस मंच में मानवाधिकार कार्यकर्ता, पर्यावरणवादी, मजदूर, युवा और महिला कार्यकर्ता शामिल है। ये सभी नव- उदारवादी वैश्वीकरण का विरोध करते है।
Q.3. ब्रिटिश शासन काल में भारत की आयात-निर्यात की क्या स्थिति थी? इसका क्या प्रभाव पड़ा?
Ans: ब्रिटिश शासनकाल में भारत आधारभूत वस्तुओ और कच्चे माल का निर्यातक तथा बने बनाए सामानों का आयातक देश था। इसके कारण भारत की आर्थिक स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती गई। अंग्रेज सस्ते दरों पर भारतीयों से कच्चे माल खरीदते थे तथा उससे बने सामानों को महंगे दामों पर भारत में ही बेचते थे।
Ans: ब्रिटिश शासनकाल में भारत आधारभूत वस्तुओ और कच्चे माल का निर्यातक तथा बने बनाए सामानों का आयातक देश था। इसके कारण भारत की आर्थिक स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती गई। अंग्रेज सस्ते दरों पर भारतीयों से कच्चे माल खरीदते थे तथा उससे बने सामानों को महंगे दामों पर भारत में ही बेचते थे।
Q.4. आर्थिक वैश्वीकरण की हानियाँ बताइए।
Ans: आर्थिक वैश्वीकरण की हानियाँ-
Ans: आर्थिक वैश्वीकरण की हानियाँ-
- आर्थिक वैश्वीकरण के कारण सम्पूर्ण जनमत कई भागों में विभाजित हो गया है और विचारों में अंतर या गया है।
- सरकारें अपनी जिम्मेदारी महसूस नहीं कर रही है और इससे सामाजिक न्याय को भारी धक्का लगा है। आर्थिक कल्याण के लिए सरकार पर निर्भर रहने वाले लोगों की स्थिति बदतर हो जाएगी।
Q.5. 'मैक्डॉनलडीकरण' क्या है?
Ans: यह वह प्रक्रिया है जिसमे कोई राजनीतक और आर्थिक रूप से प्रभुत्वशाली संस्कृति कम ताकतवर समाजों पर अपना प्रभाव छोड़ती है और विश्व वैसा ही दिखाई देता है जैसा शक्तिशाली संस्कृति इसे बनाना चाहती है।
Ans: यह वह प्रक्रिया है जिसमे कोई राजनीतक और आर्थिक रूप से प्रभुत्वशाली संस्कृति कम ताकतवर समाजों पर अपना प्रभाव छोड़ती है और विश्व वैसा ही दिखाई देता है जैसा शक्तिशाली संस्कृति इसे बनाना चाहती है।
Waishwikaran: वैश्वीकरण लघु उत्तरीय प्रश्न तथा उत्तर
Q.1. वैश्वीकरण के आर्थिक पक्ष लिखे।
Ans: वैश्वीकरण के आर्थिक प्रभाव निम्नलिखित है:
Ans: वैश्वीकरण के आर्थिक प्रभाव निम्नलिखित है:
- आर्थिक वैश्वीकरण वह प्रक्रिया है जिसमे विश्व के विभिन्न देशों के बीच आर्थिक प्रवाह तेज हो जाता है। कुछ आर्थिक प्रभाव स्वच्छ से होते है जबकि कुछ अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओ और शक्तिशाली देशों द्वारा थोपे जाते है।
- आर्थिक प्रवाह से वस्तुओ, पूंजी और विचारों का का प्रवाह होता है। वैश्वीकरण से वस्तुओ के व्यापार को लाभ पहुंचा है।
- वस्तुतः वैश्वीकरण के प्रभाव से पूंजी और वस्तुओ के आयात पर विभिन्न देशों द्वारा प्रतिबंध समाप्त कर दिए गए है। इसलिए धनी देश अपना निवेश किसी अन्य देश या विशेष रूप से विकासशील देशों में कर सकते है, जहां उन्हे अधिक लाभ हो सकता है।
- विचारों की दृष्टि से राष्ट्र की सीमा बाधक नहीं है इसलिए इंटरनेट और कंप्यूटर से जुड़ी सेवाओ का विस्तार हुआ है।
Q.2. वैश्वीकरण के लाभदायक पक्षों का उल्लेख कीजिए।
Ans: वैश्वीकरण के लाभदायक पक्ष निम्नलिखित है-
Ans: वैश्वीकरण के लाभदायक पक्ष निम्नलिखित है-
- वैश्वीकरण से समृद्धि बढ़ती है और खुलेपन के कारण अधिक आबादी की खुशहाली बढ़ती है।
- वैश्वीकरण से व्यापार का विकास होता है फलस्वरूप प्रत्येक देश को अपने को बेहतर बनाने का अवसर मिलता है।
- आर्थिक वैश्वीकरण अपरिहार्य है और इसको अवरुद्ध करना इतिहास के धारा को रोकना होगा।
- वस्तुतः देशों और नागरिकों का विभिन्न जरूरतों के कारण पारस्परिक निर्भरता में वृद्धि हो रही है ऐसे में वैश्वीकरण आवश्यक हो जाता है।
Q.3. क्या आप इस तर्क से सहमत है कि वैश्वीकरण से सांस्कृतिक विभिन्नता बढ़ रही है?
Ans: हाँ, मैं इस बात से सहतम हूँ कि वैश्वीकरण से सांस्कृतिक विभिन्नता बढ़ रही है। वैश्वीकरण का संस्कृति पर प्रभाव-
Ans: हाँ, मैं इस बात से सहतम हूँ कि वैश्वीकरण से सांस्कृतिक विभिन्नता बढ़ रही है। वैश्वीकरण का संस्कृति पर प्रभाव-
- वैश्वीकरण का प्रभाव हमारे रहन-सहन, वेशभूषा, खान-पान और विचारों पर पड़ा है।
- अब हमारी पसंद वैश्वीकरण से निर्धारित होती है। इससे यह भय बना हुआ है कि इससे संस्कृति को खतरा न पहुंचे।
- वैश्वीकरण सांस्कृतिक समरूपता लाने का प्रयास करता है। ऐसे में संस्कृति में परिवर्तन होना तय है।
- लोगों का मानना है कि वैश्वीकरण के अंतर्गत विभिन्न संस्कृतियाँ अब अपने को अमेरिकी ढर्रे पर ढालने लागी है। इससे विश्व की समृद्ध संस्कृतियाँ समाप्त हो रही है।
Q.4. वैश्वीकरण ने भारत को कैसे प्रभावित किया है? भारत वैश्वीकरण को कैसे प्रभावित कर रहा है?
Ans: वैश्वीकरण का भारत पर प्रभाव-
- भारत में 1991 से वैश्वीकरण तेज हो गया है।
- इसके कारण भारत की वित्तीय स्थिति में सुधार हो रहा है।
- भारत की आर्थिक वृद्धि दर में बढ़ोत्तरी हुई है।
- भारत में विदेशी निवेश बढ़ रहा है।
भारत का वैश्वीकरण पर प्रभाव-
- भारत में विशेष रूप से वामपंथी विचारों के लोग इसका पुरजोर विरोध कर रहे है। इसके विरोध के लिए इंडियन सोशल मंच बनाया गया है।
- औद्योगिक मजदूर और किसान संगठनों ने बहुराष्ट्रीय निगमों का विरोध किया है।
- कुछ वस्तुओ तथा नीम के पेटेंट करने यूरोपीय और अमरिकी प्रयास का विरोध किया गया है।
- दक्षिणपंथी भी सांस्कृतिक प्रभावों का विरोध कर रहे है।
Waishwikaran: वैश्वीकरण दीर्घ प्रश्न तथा उत्तर
Q.1. वैश्वीकरण के कारण विकासशील देशों में राज्य क्रियाओ की भूमिका बढ़ी है या घटी है? व्याख्या करे।
Ans: वैश्वीकरण के संदर्भ में विकासशील देशों में राज्य की बदलती भूमिका-
वैश्वीकरण के संदर्भ में विभिन्न विचार है। यहाँ पर तीन प्रमुख आधारों की व्याख्या की गई है:
Ans: वैश्वीकरण के संदर्भ में विकासशील देशों में राज्य की बदलती भूमिका-
वैश्वीकरण के संदर्भ में विभिन्न विचार है। यहाँ पर तीन प्रमुख आधारों की व्याख्या की गई है:
- राज्य की क्षमता में कमी: कुछ लोगों का विचार है कि वैश्वीकरण के कारण राज्य की क्षमता पर प्रभाव पड़ा है। उसकी कार्य करने की क्षमता में कमी आई है। सम्पूर्ण विश्व में कल्याणकारी राज्य की अवधारणा समाप्त सी हो गई है। राज्य का कार्य सीमित हो गया है। उसका कार्य केवल कानून-व्यवस्था एवं सुरक्षा रखना रह गया है। वह अनेक सामाजिक और आर्थिक कार्यों से मुक्त हो गया है।
- राज्य की भूमिका अपरिवर्तनीय: कुछ अन्य लोगों का विचार है कि वैश्वीकरण के कारण राज्य की भूमिका में कोई परिवर्तन नहीं आया है। राजनीतिक समुदाय के रूप में उसकी प्रधनता कायम है और उसे कोई चुनौती नहीं दे सकता। अनेक प्रतिकूल परिस्थितियों में भी राज्य अपना मुख्य कार्य कानून व्यवस्था तथा राष्ट्रीय सुरक्षा का कार्य कर रहा है। वह कोई कार्य अपनी इच्छा के विरुद्ध नहीं करता है।
- राज्य की शक्ति में वृद्धि: कुछ राजनीतिज्ञों का कथन है कि वैश्वीकरण के फलस्वरूप राज्य की शक्ति में वृद्धि हुई है। इसके कारण राज्यों को अत्याधुनिक प्रोद्योगिकी प्राप्त है। इसके द्वारा राज्य अपने नागरिकों के विषय में सूचनाएं एकत्र कर सकता है और व्यवस्थित ढंग से सेवा कर सकता है।
Q.2. वैश्वीकरण क्या है? इसके दो गुणों तथा दो दोषों का वर्णन करे।
Ans: वैश्वीकरण: एक अवधारणा के रूप में वैश्वीकरण का बुनियादी अर्थ प्रवाह है। प्रवाह कई प्रकार के होते है। विश्व के एक हिस्से के विचारों का दूसरे हिस्से में पहुंचना, पूंजी का एक से अधिक जगहों पर जाना, वस्तुओ को कई देशों में पहुँचाना, व्यापार तथा बेहतर आजीविका की तलाश में विश्व के विभिन्न हिस्सों में लोगों की आवाजाही प्रवाह है।
Ans: वैश्वीकरण: एक अवधारणा के रूप में वैश्वीकरण का बुनियादी अर्थ प्रवाह है। प्रवाह कई प्रकार के होते है। विश्व के एक हिस्से के विचारों का दूसरे हिस्से में पहुंचना, पूंजी का एक से अधिक जगहों पर जाना, वस्तुओ को कई देशों में पहुँचाना, व्यापार तथा बेहतर आजीविका की तलाश में विश्व के विभिन्न हिस्सों में लोगों की आवाजाही प्रवाह है।
वैश्वीकरण के दो गुण:
- वैश्वीकरण से समृद्धि बढ़ती है और खुलेपन के कारण अधिक आबादी की खुशहाली बढ़ती है।
- वैश्वीकरण से व्यापार का विकास होता है फलस्वरूप प्रत्येक देश को अपने को बेहतर बनाने का अवसर मिलता है।
वैश्वीकरण के दो दोष:
- वैश्वीकरण से सरकार के उत्तरदायित्व में कमी आ गई है जिससे सामाजिक न्याय को भारी झटका लगा है।
- वैश्वीकरण का जनमत पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ा है और वह पर्याप्त सीमा तक विभाजित हुआ है।
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